इस लेख में जाने।
लीवर शरीर की एक अद्भुत ग्लैंड है। यह शरीर में अद्भुत काम करता है। यह एक अद्भुत ग्रंथि है। यह रोटी से सोना, चांदी ,विटामिन, मिनरल, फैट प्रोटीन सब कुछ बनाता है। यह खराब हो जाने पर पेट खराब हो जाता है ।और पूरा शरीर खराब हो जाता है। शरीर के सारे तंत्र पाचन तंत्र पर ही निर्भर रहते हैं। जब पाचन तंत्र खराब हो जाता है ।तो शरीर के सभी तंत्र खराब हो जाते हैं। इस ग्रंथि को कैसे जड़ से ठीक करें । यह एक सबसे बड़ी पाचन ग्रंथि है ।इसके खराब हो जाने पर पेट में कब्ज, कोलाइटिस ,आंतों में घाव सूजन हो जाती है। इस ग्रंथि को जड़ से ठीक करने की पूरी जानकारी इस लेख में दी जाएगी।
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इस अद्भुत ग्रंथि के कार्य।

लीवर कैसे रोटी से खून, विटामिन, मिनरल फैट प्रोटीन, सोना ,चांदी बनाता है।
हम और आप अक्सर दूध पी लेते हैं। और पूरा दिन गुजार देते हैं ।यह दाल रोटी ही खा कर पूरा दिन गुजार देते हैं। लेकिन शरीर को जीवित रहने के लिए विटामिन, मिनरल, फैट ,प्रोटीन ,सोना ,चांदी तांबा, कैल्शियम, लोहा आदि चीजों की आवश्यकता होती है यह सब चीजें तो हम और आप नहीं खाते है। फिर भी शरीर जीवित रहता है ।तो लीवर इन सब चीजों को रोटी से और दूध से बना देता है। इसलिए यह शरीर का अद्भुत और आश्चर्यजनक अंग है।
इस ग्रंथि के खराब होने के कारण।
इस ग्रंथि के खराब होने के अनेक कारण है। लीवर के खराब हो जाने के अनेक कारण है। लेकिन हम कुछ मुख्य कारणों पर विचार करेंगे।
पहला कारण, खानपान के तरीके में कमी।
एक कहावत है की शरीर को जान लो।और भोजन को पहचान लो। फिर पूरा जीवन निरोग होकर जियो।
जब हम और आप कुछ भी मुंह के अंदर डालते हैं ।तो शरीर के अंदर जठराग्नि जल जाती है। और जठराग्नि उस चीज का पाचन करती है ।यदि खाना खाने के बाद आप और हम पूरा पानी पी लेंगे ।तो जठराग्नि बुझ जाएगी। और जो कुछ खाया पिया है ।उसका पाचन नहीं होगा। जब उसका पाचन नहीं होगा ।तो वह चीज सड़ेंगी ।जब वह चीज सड़ेंगी ।तो दूषित वायु पैदा होगी ।जो पूरे शरीर में घूमेंगी। फिर वह दूषित वायु पूरे शरीर को खराब कर देंगी। अनेक प्रकार की बीमारियां शरीर में पैदा कर देगी। और लीवर को खराब कर देंगी और पेट को खराब कर देगी।
पानी कैसे पीना चाहिए। और कब पीना चाहिए।
खाना खाने के डेढ़ घंटे बाद ही पूरा पानी पीना चाहिए ।खाना खाने के दौरान एक दो घूंट पानी पिया जा सकता है। और खाना खाने के बाद मुंह साफ करने के लिए एक दो घूंट पानी पिया जा सकता है ।लेकिन पूरा पानी खाना खाने के डेढ़ घंटे बाद ही पीना चाहिए।
आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध श्लोक है । “भोजनान्ते विषम वारि “
“भोजनान्ते विषम वारि ” का मतलब भोजन के बाद पानी पीना विष पीने के समान है। या खाना खाने के बाद पानी पीना जहर पीना है।
सुबह के समय कौन सी चीजों को खाना चाहिए।

सुबह के समय फलों के रस का सेवन करना चाहिए क्योंकि फलों के रस को पचाने वाले एंजाइम शरीर में सुबह निकलते हैं। यदि हम और आप दोपहर या शाम को फलों को खाएंगे। तो फलों को पचाने वाले एंजाइम शरीर में निकलेंगे नहीं ।तो फलों का पाचन नहीं होगा। जब फलों का पाचन नहीं होगा। तो यह सब फल सड़ेंगे जब यह सड़ेंगे तो दूषित वायु पैदा होगी। और दूषित वायु शरीर में घूमेगी। और बीमारियां पैदा करेगी।
दोपहर के समय क्या खाना पीना चाहिए।
दोपहर के समय शरीर में मट्ठे को पचाने वाले एंजाइम निकलते हैं। इसलिए दोपहर के समय मट्ठे का सेवन करना चाहिए।
शाम के समय क्या खाना पीना चाहिए।
शाम के समय दूध का सेवन करना चाहिए। क्योंकि दूध को पचाने वाले एंजाइम शाम के समय निकलते हैं।
लीवर को ठीक करने के उपाय।
पहला उपाय
खानपान में सुधार करना चाहिए। और पानी का सेवन सही तरीके से करना चाहिए।
दूसरा उपाय
यदि आपका लीवर खराब हो गया है ।तो पेट भी खराब हो गया होगा। इसके लिए 50 प्रकार की जड़ी बूटियां आती है। जो लीवर को नवीन और नया बना देती हैं। जब लीवर नवीन और नया हो जाता है। तो पेट की भी सारी समस्याएं जड़ से समाप्त हो जाती है ।और शरीर के बहुत से विकार अपने आप नष्ट हो जाते हैं।
निष्कर्ष:
लिवर एक अद्भुत ग्लैंड है। यह एक अद्भुत ग्रंथि है। यह ग्रंथि रोटी से सोना चांदी ,सभी प्रकार के विटामिन ,सभी प्रकार के मिनरल फैट और प्रोटीन बनाती है। इसलिए खानपान में विशेष ध्यान देना चाहिए ।शरीर में कोई बीमारी ना हो। इसके लिए पानी पीने पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।और खाना समय पर ही खाना चाहिए।
